क्या जेटली चिदंबरम व अहमद पटेल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और आयकर जांच में “दोगला” आचरण कर रहे हैं?

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पिछले तीन हफ्तों से, मंत्री अरुण जेटली के मातहत वित्त मंत्रालय के कुछ भ्रष्ट और सहायक व्यक्तियों और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बीच खींचतान चल रही है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ एयरसेल-मैक्सिस घोटाले में निर्णायक कार्रवाई और कांग्रेस नेता अहमद पटेल से जुड़ी स्टर्लिंग बायोटेक के 5000 करोड़ रू० के बैंक धोखाधड़ी में पकड़े जाने के बाद, दिल्ली के भ्रष्ट पारिस्थितिकी तंत्र के सभी लोग प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख करनाल सिंह और संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह के खून के प्यासे बन गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का आश्वासन दिन-रात दे रहे हैं परन्तु जेटली का संदिग्ध आचरण कई लोगों के दिमाग में संदेह पैदा कर रहा है।

पिछले सप्ताह प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राजेश्वर सिंह अनाम शिकायतों से सुरक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय में पहुंचे। प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख करनाल सिंह ने ईमानदार अधिकारियों के खिलाफ मामूली शिकायतों पर कार्रवाई के खिलाफ राजस्व सचिव हसमुख अधिया को पत्र लिखा था। यह विश्वसनीय तरीके से पता चला है कि अरुण जेटली द्वारा दिये गए दबाव के कारण अदिया को अनाम शिकायतों पर कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा। अगर यह सच है तो वित्त मंत्री अरुण जेटली को जवाब देना चाहिए कि आखिर क्यों!

प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का आश्वासन दिन-रात दे रहे हैं परन्तु जेटली का संदिग्ध आचरण कई लोगों के दिमाग में संदेह पैदा कर रहा है।

इसके अलावा, विश्वसनीय तरीके से पता चला है कि गुजरात कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के कई अधिकारी एक साथी गुजराती, अहमद पटेल के खिलाफ शुरू हुई कार्रवाई को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की आँखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रहे हैं। ये अधिकारी मई, 2014 तक सत्ता का पर्याय रहे अहमद पटेल के साथ अपने गुप्त संबंधों को बनाए रखते हुए मोदी के साथ चतुराई से काम ले रहे हैैं।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा ने अब खुले तौर पर गुजरात केडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, क्योंकि स्टर्लिंग बायोटेक से जब्त मासिक अदायगी डायरी में उनका नाम मिला था। अब सीबीआई ने स्टर्लिंग बायोटेक के खिलाफ दो प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की हैं, जहां पहली प्राथमिकी में आरोपी आयकर अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए अहमद पटेल के दामाद इरफान की भूमिका का उल्लेख किया गया था। वहीं दूसरी प्राथमिकी 5000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी के लिए है। यह एक रहस्य है कि कैसे अस्थाना अब तक सीबीआई में बने हुए हैं जब उनका नाम आरोपी कंपनी के रिश्वत अदायगी डायरी में पाया गया है! इसके अलावा, वित्त मंत्रालय के अंतर्गत बैंकों ने अहमद पटेल की कंपनियों द्वारा किए गए 5000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी पर कोई कार्रवाई नहीं की है।

अस्थाना जिनके पास अगस्ता वेस्टलैंड केस था, उन्होंने अब सिर्फ वायुसेना के अधिकारियों को अभियुक्त बनाकर मामले को काफी हल्का कर दिया है। अब तक अगस्ता वेस्टलैंड मामले के मुख्य सूत्रधार सोनिया गांधी और अहमद पटेल से सीबीआई द्वारा कोई पूछताछ नहीं की गई है जबकि इतालवी न्यायालय के फैसले में उनकी भूमिकाओं का विस्तृत विवरण दिया गया था। सीबीआई निदेशक के विरोध करने के बाद भी अस्थाना को मिली अवैध पदोन्नति की वजह हैं, पीएमओ के अतिरिक्त प्रधान सचिव पी.एम. मिश्रा। पी.एम. मिश्रा भी गुजरात केडर के अधिकारी हैं और सभी वरिष्ठ नियुक्तियों और पदोन्नति को नियंत्रित करते हैं। अनुभवी अधिकारी मिश्रा शरद पंवार के बेहद करीबी विश्वासपात्र थे और यूपीए के कार्यकाल के दौरान कृषि सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। यह ज्ञात रहस्य है कि पी.के. मिश्रा अपने पुराने मालिक पंवार के राजनीतिक लाभ की रक्षा करने के लिए शिवसेना और भाजपा के बीच चल रही खींचतान में अपने ‘खेल’ खेल रहे हैं। सवाल यह उठता है कि मिश्रा आखिर क्यों अस्थाना का बचाव कर रहे हैं, जिनका नाम अहमद पटेल से जुड़े कंपनी की डायरी में पाया गया है। क्या गुजरात केडर के इन दोनों अधिकारियों का अहमद पटेल के साथ कोई गुप्त समझौता है?

अरुण जेटली पर वापस आते हुए, वित्त मंत्रालय में प्रवर्तन निदेशालय पूरी तरह से राजस्व विभाग (हमेशा राजस्व के नए स्रोतों की तलाश में है) के अंतर्गत है। प्रवर्तन निदेशालय ने दो मामलों में चिदंबरम के बेटे कार्ति को तलब किया परंतु वह अब तक पेश नहीं हुआ है। आखिर कार्ती को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? इस पर अरुण जेटली की जवाबदेही बनती है

आखिर एयरसेल मैक्सिस घोटाले में कार्ति की संपत्ति कुर्क करने को लेकर मुश्किलों का सामना कर रहे एक ईमानदार, कुशल अधिकारी राजेश्वर सिंह पर जेटली क्यों चुप्पी साधे हुए हैं? आयकर विभाग भी अरुण जेटली के अधीन है। सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयकर विभाग को 14 देशों में चिदंबरम परिवार की गैरकानूनी संपत्ति की जांच करने और नए काले धन और बेनामी अधिनियम के तहत कार्ति और उनकी कंपनियों के अघोषित 21 विदेशी बैंक खातों की जांच करने के आदेश दिए थे। मोदी ने जून, 2017 में आदेश दिए थे लेकिन अब तक भी आयकर विभाग ने कार्ति को गिरफ्तार नहीं किया है।

श्री जेटली को कई जवाब देने होंगे – चिदंबरम, उनके बेटे कार्ती, अहमद पटेल और उनके दामाद इरफान के खिलाफ कोई भी कार्रवाई ना करने को लेकर।

Sree Iyer

An inventor and out-of-the-box thinker, Sree Iyer has 37 patents in the areas of Hardware, Software, Encryption and Systems. His first book NDTV Frauds has been published and is an Amazon Bestseller. It ranked second among all eBooks that were self-published in 2017. His second book, The Gist of GSTN which too is available on Amazon as an e-Book and as a paperback. His third book, The Rise and Fall of AAP is also available in print version or as an e-Book on Amazon. His fourth book, C-Company just released to rave reviews and can be bought as a print version or as an e-Book on Amazon.

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