क्या कश्मीर में सच में बदल रहा है आतंकवाद का चेहरा ?

पिछले साल सुरक्षा बलों ने २०० से ज्यादा अन्तंकी मार गिराए थे लेकिन फिर भी इनकी संख्या में कमी नहीं आयी है

कश्मीर में आतंकवाद का बदलता चेहरा
कश्मीर में आतंकवाद का बदलता चेहरा

अगर पिछले ६ महीने पहले का रिकॉर्ड देखेंगे तो लगातार ऐसे मामले प्रकाश में आ रहे हैं जहाँ पढ़ा लिखा नौजवान हाथ में बन्दूक लेकर जिहाद करने निकल पड़ा है ।

सुरक्षा बलों की नींद उड़ी

अभी कश्मीर घाटी में आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे सुरक्षा बल वर्ष २०१७ के अंतिम दिन लेथ्पोरा में केंद्रीय सुरक्षा बल के ट्रेनिंग सेंटर पे हुए हमले से संभल भी नहीं पाए थे कि एक और सनसनीखेज खबर ने घाटी में वरिष्ट सुरक्षा अधिकारीयों के होश उड़ा दिए हैं ।

इस दफा अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे लोलाब के एक युवा छात्र ने अपनी किताबों को छोड़ हाथ में बन्दूक थाम ली है । युवा की पहचान मन्नान बशीर वाणी के तौर पे हुई है । हालाँकि अभी रियासत की पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि बन्दूक हाथ में लेकर तस्वीर खिचवाने वाले युवा ने सही में हिजबुल मुजाहिदीन तंजीम का दामन थामा हैं या नहीं ।

लेकिन अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने तरुंत कार्यवाही करते हुए उन्हें विश्वविदालय से पहले ही निष्काषित कर दिया है । इस के साथ ही जिस हॉस्टल में यह युवा रहा करता था वहां उस का कमरा भी बंद कर दिया गया है । छानबीन में मन्नान वाणी के कमरे से पुलिस को जो कुछ मिला उसे जाँच के लिए अपने साथ ले गयी है । दूसरी तरफ परिवार के मुताबिक मन्नान वाणी जनवरी में सर्दियों की छुटियों से पहले अलीगढ से घर के लिए निकला था लेकिन घर न पहुँच कर जब उस की बन्दूक के साथ तस्वीर वायरल हो गयी उस समय परिवार के लोगों ने पुलिस को इस मामले की सूचना दी । उस समय से उनके जिले की पुलिस लगातार इस कोशिश में है की वो मन्नान को बरामद कर उस को आतंकवादियों के चुंगुल से रिहा करा सकें ।

मन्नान के परिवार के सदस्यों ने भी उस से बन्दूक छोड़ घर वापसी की अपील की है ।

उनके पिता बशीर अहमद, जो खुद एक कॉलेज में शिक्षक हैं, ने मीडिया वालों से बात चीत में सटीक शब्दों में कहा मुझे बड़ी हैरानी इस बात की है कि उनके बेटे ने इतना बड़ा फैसला बिना उनसे बात चीत के कैसे ले लिया । उन्हें खुद इस बात का खेद है की उनका बेटा गलत रास्ते पे चल रहा है । उन्होंने कहा मेरे लिए मन्नान का यह कदम किसी बड़े सदमे से कम नहीं हैं ।

कश्मीर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल मुनीर खान की मुताबिक उन्हें अपनी रणनीति में पूरी तरह से बदलाव करना पड़ेगा नहीं तो आतंकी अपनी पैठ जमा लेंगे

जो भी हो एक पढ़े लिखे समृद्ध परिवार से तालुक रखने वाले इस युवा के एक कदम से पूरी घाटी में इस बात की चर्चा होना शुरू हो गयी है कि क्या सच में कश्मीर घाटी में आतंकवाद का चेहरा बदल रहा है ?

क्या सच में पढ़े लिखे नौजवान कश्मीर मसले के हल की तलाश में जम्हूरियत का रास्ता छोड़ कर आतंकवाद का रास्ता इख़्तियार करना चाहते हैं ।

क्या सच में कश्मीर घाटी में सियासी पार्टियाँ जो लोगों के जज्बातों की तर्जुमानी करने का दावा पेश करती हैं अपनी इस ड्यूटी में फ़ैल हो गयी हैं या उन्होंने भी हार मान ली है की वो कश्मीर घाटी के युवा को सही राह दिखाने में नाकामयाब हुए है जिस के चलते पढ़े लिखे नौजवान बन्दूक का दामन थाम रहे हैं ।

अभी हाल ही में जिस तरीके से घाटी में तेनात सुरक्षा बालों ने एक बड़ी सफलता हासिल की और कुल मिला कर २०० से ऊपर आतंकवादी मार गिराए थे उस से यह लगने लगा था की सच में सुरक्षा बालों ने आतंकवाद की कमर तोड़ दी है और अमन बहाली का रास्ता साफ़ हो गया है । लेकिन जिस तरीके से आतंकवादियों ने मूह तोड़ जवाब दिया है उस से लगता है यह लड़ाई इतनी जल्दी खत्म होने वाली नहीं हैं ।

मन्नान वाणी अकेला कश्मीरी नौजवान नहीं जो इस लड़ाई में कूद पड़ा है ?

अगर पिछले ६ महीने पहले का रिकॉर्ड देखेंगे तो लगातार ऐसे मामले प्रकाश में आ रहे हैं जहाँ पढ़ा लिखा नौजवान हाथ में बन्दूक लेकर जिहाद करने निकल पड़ा है । इस सब के बीच सुरक्षा बलों को भी अपनी रणनीति बदलने पे सोच विचार करना पड़ रहा है जिस के चलते ऐसे मामलों पे अंकुश लगाया जाय ।

कश्मीर के अख़बारों में लगातार ऐसी ख़बरें छप रही हैं जिस में इस बात का जिक्र हो रहा है की बड़ी संख्या में समृद्ध परिवारों से सम्बन्ध रखने वाले युवा बन्दूक उठा रहे हैं । अख़बार यह भी कहते हैं की युवा ऐसे कदम इस लिए उठा रहे ताकि वो अपने साथ या अपने दोस्तों के साथ हुए बुरे बर्ताव का बदला ले सकें । उतरी कश्मीर की तुलन में दक्षिण कश्मीर में स्थिति ज़्यादा भयावेह है ।

हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वाणी की मौत के बाद से कम से कम १०० युवा अन्तंक्वादी बने थे और पिछले साल सुरक्षा बलों ने २०० से ज्यादा अन्तंकी मार गिराए थे लेकिन फिर भी इनकी संख्या में कमी नहीं आयी है । रियासत के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार जमीन पे हालात नाजुक हैं और यही वजह है की बड़ी संख्या में पढ़े लिखे नौजवान बन्दूक उठाने से परहेज नहीं कर रहे और सीधी लड़ाई लड़ने के लिए तयार खड़े हैं ।

पिछले हफ्ते सोपोर में हुए बम धमाके में जब ४ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे उस समय भी सुरक्षा कर्मियों का माथा ठनका था कि आने वालों दिनों में उन्हें बड़ी चुनौतियों का सामना करना पढ़ सकता है ।

कश्मीर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल मुनीर खान की मुताबिक उन्हें अपनी रणनीति में पूरी तरह से बदलाव करना पड़ेगा नहीं तो आतंकी अपनी पैठ जमा लेंगे ।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बांदीपोरा जिले के चार क्रिकेट खिलाड़ियों को ग़िरफ़्तार किया है.

इस से पहले अगस्त २०१७ में राजोरी में बाबा बादशाह गुलाम शाह यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाला BTECH ENGG का छात्र आतंकी संगठन में शामिल हो गया था उस समय उसने जाकिर मूसा की तंजीम अंसार घजावत उल हिन्द का दामन थामा था ।

इस के बाद रियासत के पुलिस ने सितम्बर २०१७ में एक और आतंकी गुट से जुड़े कश्मीरी नौजवाओं को पकड़ा था और उनसे पूछ ताछ में पता चला था की किस प्रकार से उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग पे ड्यूटी कर रहे सशस्त्र सीमा बल के जवानों के उपर हमला किया था । जम्मू संभाग के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस के मुताबिक तीन में से दो युवा अनात्नाग डिग्री कॉलेज के छात्र रहे हैं और उकसाने पे उन्होंने इस बड़ी वारदात को अंजाम दिया था ।

इस के बाद एक और मामला चर्चा में आया जब अनंतनाग के गाँव का माजिद खान, जो एक अच्छा फुटबॉल का खिलाडी था उस की तस्वीर भी बन्दूक के साथ वायरल हो गयी थी । इस के बाद उस की माँ की पुकार के चलते माजिद खान की समय पे घर वापसी हो गयी और सेना के वरिष्ठ अधिकारीयों के मदद से उसे पढ़ने के लिए कश्मीर से बाहर भेज दिया गया ।

मैच से पहले पाकिस्तान का राष्ट्रगीत बजाने के आरोप में ४ युवा हुए गिरफ्तार

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बांदीपोरा जिले के चार क्रिकेट खिलाड़ियों को ग़िरफ़्तार किया है । इन पर पिछले हफ़्ते हुए एक क्रिकेट मैच से पहले पाकिस्तान का राष्ट्रगीत बजाने का आरोप है ।

इस क्रिकेट मैच के आयोजन का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था । इसमें दो टीमों के खिलाड़ी खड़े नज़र आ रहे हैं । एक टीम ने हरी और दूसरी ने सफेद ड्रेस पहन रखी है । बताया जाता है कि यह मैच उत्तर कश्मीर में बांदीपोरा के आरिन नाम के कस्बे में हुआ था । इस मैच का वीडियो वायरल होते ही स्थानीय पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों टीमों के ख़िलाफ़ केस दर्ज़ कर लिया ।

इसके बाद चार क्रिकेट खिलाड़ियों को ग़िरफ़्तार कर जांच शुरू कर दी गई ताकि मैच के आयोजकों और अन्य खिलाड़ियों की पहचान की जा सके । पुलिस जांच कर रही है कि वीडियो वास्तव में किसी हालिया मैच का है या फ़िर किसी अन्य का । यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वीडियो के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ तो नहीं की गई है ।

Note:
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1 COMMENT

  1. all attempts to say that Kashmir is going through a preparatory phase of militancy is nothing new. it is an olc technique. Jehadi indoctrination is a worldwide phenomenon and madarsa educated people get a lot of support for this.
    so long as China-pak-anti-India-evil-axis is funding them and so long as we have Jaichands amongst us, such jokers will keep springing, who will appear with Guns and disappear under earth.
    Politics is always a game of power and Indian Union will have to show its might to these madarsa educated people that any amount of self-sacrifices will yield nothing.
    breaking Pakistan into 4 parts is yet another strategy, on which India will need to work.
    China will itself break if it tries to put in resources to support Pakistan.
    International relations r very evident in Kashmir valley. we all r waiting for the day, when NDA gets majority in the RS and then some reformist legislation will b enacted to save India from jehadis, commies and their supporters.

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