
प्रधानमंत्री मोदी-भाजपा को चुनावों से परे देखना चाहिए और भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई और सार्थक आर्थिक नीतियों के साथ राष्ट्र को आगे ले जाना चाहिए !!!
मैं उन तमाम लोगों में से एक हूँ जो अभी भी भाजपा के लिए वोट देना चाहते हैं और 2019 में मोदी भाजपा को वापस लाना चाहता हूँ। चिंता की बात यह है कि अच्छे दिनों की विशालकाय तस्वीर किसके लिए है?
वित्त मंत्री, वित्त मंत्रालय और कुछ भाजपा नेताओं को पिछले यूपीए कांग्रेस शासन के भ्रष्टाचार से लड़ने में दिलचस्पी नहीं लगती। इन भाजपा नेताओं के साथ समझौता या सौदेबाजी किसने की? क्या क्रिसमस की शाम का रहस्य, गांधी और शीर्ष भाजपा नेता का मिलना एक सौदा या फिर एक मैच फिक्सिंग था?
भाजपा मोदी सरकार यह भूल गई है कि उनको 2014 में सत्ता में लाने वाला सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई थी और अपराधियों को दंडित करने की प्रतिज्ञा थी। डॉ. स्वामी ने यूपीए कांग्रेस सरकार के खिलाफ अकेले आंदोलन का नेतृत्व किया था। आज तक भ्रष्टाचार को दंडित करने के लिए मोदी सरकार ने कोई गंभीर प्रयास नहीं किया है।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए और कुछ दूरगामी आर्थिक नीतियों को लागू करना चाहिए। सभी 2019 में खुले तौर पर श्री मोदी भाजपा का समर्थन करेंगे।
नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी, एफआईपीबी के मामले में पी. चिदम्बरम का बेटा कार्ती चिदंबरम की घेराबंदी, विशेष रूप से एक व्यक्ति ही व्यक्ति के दम पर हुई, जिन्हें डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी के नाम से जाना जाता है। सच्चाई का पता लगाने और अपराधी को दंडित करने के लिए उनके केंद्रित प्रयासों ने इन खुलासे में परिणाम दिया है।
यहां तक कि इन मामलों में, सरकार के भीतर कुछ लोग जांच की प्रक्रिया को रोकने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं, ईमानदार अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है, स्थानांतरित कर दिया गया है, और कार्य नहीं करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, सबूत नष्ट किये गए हैं और बहुत कुछ।
क्या वित्त मंत्री और वित्त मंत्रालय ने लोगों को भावनाओं को नजरअंदाज करने की ठान रखी है? भाजपा मोदी के लिए 2014 का जनादेश, भ्रष्टाचार से लड़ने और उसे रोकने के लिए था, न कि भ्रष्टाचारियों और अपराधियों का समर्थन करने के लिए …
जब भाजपा के मुख्य समर्थकों ने इस तथ्य को सामने लाया कि भ्रष्टाचार से निपटने के मामले में सरकार निष्प्रभावी साबित हो रही है, तो उन्हें राष्ट्र विरोधी, निजी स्वार्थ को साधने वाला, समस्याएं पैदा करने वाले, व्यक्तिगत एजेंडे चलाने वाले आदि संज्ञायें दी जाने लगीं। प्रधानमंत्री मोदी को भ्रष्टाचार के खतरे से लड़ने और जनता के मन में आत्मविश्वास लाने के लिए कुछ संकल्प, कर्मठता और उत्सुकता दिखाने की जरूरत है।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए और कुछ दूरगामी आर्थिक नीतियों को लागू करना चाहिए। सभी 2019 में खुले तौर पर श्री मोदी भाजपा का समर्थन करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी-भाजपा को चुनावों से परे देखना चाहिए और भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई और सार्थक आर्थिक नीतियों के साथ राष्ट्र को आगे ले जाना चाहिए !!!
सबसे बड़ी जीत होगी जब हम भ्रष्टाचारियों और अपराधियों के दिमाग में सजा के भय को डाल देंगे …
ध्यान दें: यहां व्यक्त विचार लेखक के होते हैं और जरूरी नहीं कि पीगुरूज के विचारों को दर्शाते हैं या प्रतिबिंबित करते हैं।
- China eyes Chicken’s Neck? - May 17, 2025
- A political earthquake to hit Maharashtra in the offing? - May 16, 2025
- India wins military triumph but falters on the foreign policy front! - May 15, 2025