राम मंदिर : सुब्रमण्यम स्वामी के प्रयासों से हिंदुओ को मिली सौग़ात

कोर्ट ने स्वामी को भरोसा दिलाया की सभी पक्षों को सुनने के साथ उनको पूरा समय दिया जाएगा।

राम मंदिर
राम मंदिर

सप्रीम कोर्ट में राम मंदिर को लेकर शुक्रवार(Aug 11, 2017) को हुई सुनवाई जहाँ एक तरफ़ हिंदुओ के लिए एक बड़ी सौग़ात लेकर आई वहीं दूसरी तरफ़ सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड की तरफ़ से किए गये वकीलों की तरफ़ से दी गई दलीलों को कोर्ट के गलियारों में ही नहीं अपितु आम जनता में भी काफ़ी आलोचना का सामन करना पड़ रहा है।

उल्लेखनीय है कि इसी सप्ताह बुधवार को उच्चतम न्यायालय में शिया वक़्फ़ बोर्ड ने एक ऐफ़िडेविट के माध्यम से विचाराधीन जगह पे राम मंदिर और किसी दूसरी जगह पर मस्जिद बनाने की बात कही थी। शिया वक़्फ़ बोर्ड के इस क़दम को डॉ० सुब्रमण्यम स्वामी के प्रयासों के नतीजे के रूप में देखा जा रहा है। स्वामी काफ़ी दिन से इस समाधान की वकालत करते रहे हैं। ग़ौर करने वाली बात यह है कि ऐसा पहली बार हुआ कि शिया वक़्फ़ बोर्ड ने खुले तौर पर इस समाधान का समर्थन किया वरना शिया बोर्ड आरंभ से तटस्थ था और खुल कर इस तरह की पेशकश करने में झिझक रहा था।

इससे क़यास लगाए जा रहे हैं की स्वामी निश्चित ही बहुत जल्दी सप्रीम कोर्ट के माध्यम से भव्य राम मंदिर का रास्ता साफ़ कर देंगे

शिया बोर्ड के इस क़दम से उत्साहित स्वामी जहाँ अपनी धर्मपत्नी, सप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ० रोक्षना स्वामी और अन्य वकीलों के साथ पहुँचे, वहीं दूसरी तरफ़ सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड की तरफ़ से कपिल सिब्बल और राजीव धवन जैसे वरिष्ठ अधिवक्ता मौजूद थे। सिब्बल और धवन के काफ़ी प्रयासों के बावजूद राम मंदिर की सुनवाई को बहुत लम्बे समय तक लटकाये जाने की सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड की कोशिशों पर पानी फिर गया। सप्रीम कोर्ट ने एक तरफ़ जहाँ ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुवाद के लिए सिर्फ़ 3 महीने का समय दिया वहीं दूसरी तरफ़ अंतिम सुनवाईयाँ 5 दिसंबर से आरम्भ करने का फ़ैसला लिया। कोर्ट ने स्वामी को भरोसा दिलाया की सभी पक्षों को सुनने के साथ उनको पूरा समय दिया जाएगा।

अब जहाँ एक तरफ़ सप्रीम कॉर्ट द्वारा जल्दी सुनवाई करने के फ़ैसले से स्वामी उत्साहित हैं वहीं दूसरी तरफ़ हिंदुओ में भी जल्दी राम मंदिर देखने की आस बंध गई है। क्यूँकि स्वामी जहाँ जल्द से जल्द मामले को निपटाए जाने की पैरवी करते रहे हैं वहीं दूसरी तरफ़ सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड मामले को किसी भी तरीक़े से लटकाये जाने की कोशिशों में लगा हुआ है। इससे क़यास लगाए जा रहे हैं की स्वामी निश्चित ही बहुत जल्दी सप्रीम कोर्ट के माध्यम से भव्य राम मंदिर का रास्ता साफ़ कर देंगे।

बहरहाल, जल्दी सुनवाई के फ़ैसले को हिंदुओ को मिली एक बड़ी सौग़ात के रूप में देखा जा रहा है और स्वामी के प्रयासों की हर तरफ़ तारीफ़ हो रही है।

Ravinder Kaushik is an Advocate, enrolled at Bar Council of Punjab & Haryana. His Social Media links are:

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