
कार्ति केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय के प्रष्नों का सामना करने से क्यों डरते हैं ?
कार्ति चिदंबरम, जो अपनी पिता, पी चिदंबरम, के साथ भ्रष्टाचार के भागीदारी हैं, उन्हें यह तो पता ही होगा कि जांच एजेंसिओं ने, पूछताछ के दौरान, उनके विरोधियों के साथ कैसा व्यवहार किया था | हमें यह भी मालूम है कि जब चिदंबरम गृह मंत्री थे, तब गृह मंत्रालय के निदेशक रहे, आर. वी. एस. मणि, साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित से जांच एजेंसिआं निर्दयता से पेश आई थी | यही कारणवश कार्ति केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय के सामने नहीं आना चाहते हैं | क्या कार्ति को इस बात से डर लगता है कि जाँच एजेंसिआं उसको तीसरे दर्जे की यातना देंगी, जिस तरह वे उनके पिता के अच्छे दिनों के दौरान दिया करती थी ?
चिदंबरम, जिन्होंने गलत काम किए, को यह डर लग रहा होगा कि भाजपा नेतृत्व सरकार अब उन्हें करारा जवाब दे सकती है ।
इशरत जहां के मामले के दौरान, चिदंबरम ने खुफिया विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों और बिकी हुई मीडिया (जैसे कि एनडीटीवी और तहलका) की सहायता से उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी को निशाना बनाया था | उसी दौरान रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक रंजीत सिन्हा और विशेष निर्देशक रहे सलीम अली ने मिलकर गृह मंत्री के निर्देशक आर. वी. एस मणि को खूब परेशान व अत्याचार किया ताकि वह खुफिया विभाग के अधिकारियों, जिसमे राजेंद्र कुमार भी थे, के नाम का खुलासा कर दे | मणि, जो हाल ही टीवी पर आये थे, ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारियों ने उनपर बहुत अत्याचार किया और धमकी भी दी | तीसरे स्तर की माफिया टीम की तरह सशक्त केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारियों ने भी अपने पैरों को कुर्सिओं पर रखकर सिगरेट से जला देने की धमकी भी दी |
इसके आलावा साध्वी प्रज्ञा भी टीवी पर आई और उन्होंने यह बताया कि मुंबई के आतंकवाद विरोधी दस्ते की टीम ने उनपर कैसे अत्याचार किया | जाँच के अधिकारी उस समय कोई और नहीं बल्कि गृह मंत्री चिदंबरम थे | साध्वी प्रज्ञा पर बहुत अत्याचार हुए, उन्हें पीटा भी गया था | येही नहीं रूफियन पूछताछ दस्ते ने कभी-कभी उनका सर दीवार पर दे मारा था | पुरोहित की भी कुछ सामान्य कहानी है | वह अभी सेना में हैं |
शायद पूछताछ के दौरान की यह भीषण कहानियां कार्ति के लिए एक दुःस्वप्न होंगी | चिदंबरम, जिन्होंने गलत काम किए, को यह डर लग रहा होगा कि भाजपा नेतृत्व सरकार अब उन्हें करारा जवाब दे सकती है । उन्हें यह भी अच्छी तरह मालूम है कि बेटे की पूछताछ ख़त्म होने के बाद अगली बारी उनकी है | मामला उनके बेटे कार्ति के विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से लिए गए रिश्वत को स्वीकार करने से सम्बंधित है, जोकि चिदंबरम ने INX मीडिया को दिया था | उनकी सारी कूटनीती ख़तम हो चुकी है | आब सत्ता के प्रतिनिधि से वह एहसान भी नहीं ले सकते | अगस्त २३ को कार्ति केंद्रीय जांच ब्यूरो के मुख्यालय पे पहुँच रहे हैं | दोनों, पिता और बेटे, को अपने भाग्य के बारे में पहले से जानकारी थी |
- User’s consent mandatory for WhatsApp for collection of advertising & non-advertising data: NCLAT - December 15, 2025
- For the fifth time, the SEC reports ‘no progress’ in serving notice to Adanis by India’s Law Ministry - December 15, 2025
- FPIs withdraw Rs.17,955 cr from Indian equities in Dec; total outflow at Rs.1.6 lakh cr in 2025 - December 14, 2025









