
वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ० सुब्रमण्यम स्वामी ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अध्यक्ष पर ना सिर्फ पक्षपाती-पूर्ण होने का गंभीर आरोप लगाया बल्कि यहाँ तक कह डाला कि टाटा समूह की कंपनियों में स्टॉक एक्सचेंज संबंधित अनियमितताओं और “अंदरूनी व्यापार” (इनसाइडर ट्रेडिंग) की शिकायतों में वो महज एक “मूक दर्शक” बने हुए थे। सेबी के अध्यक्ष अजय त्यागी को बहुत ही कठोर शब्दों में लिखे अपने तीन पृष्ठीय-पत्र में स्वामी ने उन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए टाटा स्टील, टाटा केमिकल्स, टाटा मोटर्स में हुई धोखाधड़ी की गतिविधियों और क़ानूनी उल्लंघन पर चूप्पी साधने को लेकर कठघरे में खड़ा किया है।
“यह बिल्कुल स्पष्ट है कि सेबी ने बिना उचित कारणों , आत्म-प्रमाणन के आधार पर, शिकायतें बंद कर दीं, जो प्राकृतिक न्याय के ही नहीं बल्कि सेबी जैसे नियामक की जिम्मेदारी के खिलाफ है।, “स्वामी ने अजय त्यागी पर बड़ी कंपनियों की संदिग्ध गतिविधियों पर चूप्पी साधने का दोषारोपण करते हुए कहा।
सेबी के अध्यक्ष अजय त्यागी पर टाटा कंपनियों और इसके अध्यक्ष रतन टाटा को जांच से बचाने के प्रयास करने का संगीन आरोप लगाते हुए स्वामी ने कहा कि सेबी को स्टॉक एक्सचेंज के नियामक के रूप निष्पक्ष कार्य करना चाहिए। इस लेख के अंत में तीन पृष्ठ का पत्र प्रकाशित किया गया है।
“आपके पास की गई शिकायतों को
8 महीने से ज्यादा
का समय हो गया है लेकिन सेबी का रवैया खानापूर्ति मात्र रहा है। मैं केवल यह निष्कर्ष निकाल सकता हूं कि सेबी जांच, जो कि क़ानूनी रूप से इसकी ज़िम्मेदारी है से बचने और बचाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि आरोप “टाटा” के खिलाफ हैं।”
“टाटा पर पहले ही 2G और कोयला दोनों ही घोटालों में शामिल होने के आरोप हैं और मुख्य रूप से सुप्रीम कोर्ट के सामने नीरा राडिया टेप मामले में हुए खेदजनक खुलासों के बाद।”
स्वामी अपने पत्र में सेबी-अध्यक्ष अजय त्यागी पर चुप्पी साधने का आरोप लगते हुए लिखते हैं।
स्वामी ने टाटा समूह की स्वतंत्र निदेशकों (जो कि वास्तव में स्वतंत्र थे ही नहीं) की नियुक्ति में अपनाई गई शैली के “संदिग्ध तरीकों” के खिलाफ सेबी-अध्यक्ष पर खिलाफ कार्रवाई ना करने का आरोप लगाया। भाजपा नेता ने स्पष्ट किया कि टाटा मोटर्स और टाटा केमिकल्स के ये स्वतंत्र निदेशक टाटा ट्रस्ट से भी जुड़े हुए हैं। टाटा समूह की कंपनियों द्वारा स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति और ऑडिट समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति में उल्लंघन के उदाहरणों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “सेबी ने इस तथ्य को नजरअंदाज किया है कि कंपनियों ने अपने शेयरधारकों को स्वयं यह बताया है।”
“यह बिल्कुल स्पष्ट है कि सेबी ने बिना उचित कारणों ,
आत्म-प्रमाणन के आधार पर,
शिकायतें बंद कर दीं, जो प्राकृतिक न्याय के ही नहीं बल्कि सेबी जैसे नियामक की जिम्मेदारी के खिलाफ है।, “स्वामी ने अजय त्यागी पर बड़ी कंपनियों के मामलों में संदिग्ध गतिविधियों और चूप्पी साधने का दोष डालते कहा।
सेबी के अध्यक्ष को लिखा सुब्रमण्यम स्वामी का पत्र नीचे प्रकाशित किया गया है:
Subramanian Swamy's Letter to SEBI on Tata Sept 28, 2017 by PGurus on Scribd
- US court orders Byju to pay over USD 1 bn to BYJU’s Alpha, GLAS Trust - November 22, 2025
- Will throw out every infiltrator from India: Home Minister Amit Shah - November 21, 2025
- SC pulls up CBI, slams SEBI’s ‘double standards’ over ‘reluctance’ to probe allegations against Indiabulls, now name changed to Sammaan Capital - November 20, 2025









