
एनजीटी ने अमरनाथ की पवित्र गुफा, जो कि समुद्र तल से 3888 मीटर की ऊंचाई पे स्थित है, को साइलेंस जोन घोषित करने का आदेश जरी किया है ।
अमरनाथ श्राइन बोर्ड को फटकार लगा यात्रियों के लिए बेहतर सुविध्याँ प्रदान करने का आदेश दिया ।
पर्यावरण को ढाल बनाते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने बुधवार को एक हैरतंगेज फैसला सुनाते हुए लाखों शिव भक्तों की आस्था पे चोट कर देश भर में एक नयी बहस छेड़ दी है ।
एनजीटी ने अमरनाथ की पवित्र गुफा, जो कि समुद्र तल से 3888 मीटर की ऊंचाई पे स्थित है, को साइलेंस जोन घोषित करने का आदेश जरी किया है ।
हर साल देश के कोने कोने से लाखों शिव भक्त कठिन यात्रा के बाद बाबा बर्फानी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं ।
अपने फैसले में एनजीटी ने कठिन यात्रा करने वाले शिव भक्तों को ‘बम बम भोले’ जैसे जयकारों, मंत्र उच्चारण करने और पवित्र गुफा के अन्दर घंटियाँ बजाने पे रोक लगाने का भी आदेश जारी किया है ।
एनजीटी का मानना है कि अमरनाथ यात्रियों द्वारा लगाए गए जयकारों और घंटियाँ बजाने से पर्यावरण को लगातार खतरा पहुंच रहा है।
भविष्य में यह समस्या विकराल रूप न धारण कर सके इस लिए इस की रोकथाम से जुड़े फैसले लेने का यह सही वक़्त है ।
एनजीटी ने चेयरपर्सन स्वतंत्र कुमार ने बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए कड़ा रुख अपनाया ।
अपने लिखित आदेश में जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड को फाटकर लगते हुए कहा है कि अमरनाथ की यात्रा मार्ग पर लगाए जाने वाले जयकारों और मंत्रों के उच्चारण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए ।
सीढ़ियों के अंतिम बिंदु से लेकर गुफा के भीतर तक के क्षेत्र को साइलेंस जोन घोषित किया जाना चाहिए ।
हर साल अमरनाथ की पवित्र गुफा के अन्दर शिव भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन करने देश के कोने कोने से पहुंचते हैं ।
पिछले कई वर्षों से इनकी संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है जिससे पर्यावरण को भी खतरा पहुँच रहा है ।
इससे पहले ट्रिब्यूनल ने कहा कि अमरनाथ गुफा के आसपास के क्षेत्र को साइलेंस जोन घोषित करने से वहां हिमस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं को रोकने तथा गुफा की प्राचीन स्थिति को बरकरार रखने में मदद मिलेगी ।
पीठ ने कहा, ‘किसी को भी पवित्र गुफा तक जाने वाली सीढ़ियों तक कोई सामान ले जाने की छूट नहीं दी जाएगी ।
प्रवेश द्वार पर ही सभी की तलाशी ली जाएगी। सीढ़ियों के अंतिम बिंदु से लेकर गुफा के भीतर तक के क्षेत्र को साइलेंस जोन घोषित किया जाना चाहिए ।
इसके साथ ही एनजीटी ने यात्रा के दौरान आखिरी चेक पोस्ट के बाद मोबाइल और घंटियां ले जाने पर पाबंदी लगाने का भी आदेश दिया है ।
इसी के साथ एनजीटी ने हिम शिवलिंग के आगे लगी लोहे की ग्रिल को हटाने का आदेश भी दिया, ताकि भक्त शिवलिंग का बेहतर ढंग से दर्शन कर सकें। ट्रिब्यूनल ने अंतिम तलाशी बिंदु से आगे दर्शनार्थियों को कोई भी व्यक्तिगत सामान ले जाने से रोकने का आदेश भी दिया ।
एनजीटी ने श्राइन बोर्ड से कहा कि दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए वो गुफा के निकट एक ढांचे का निर्माण करे ।
एनजीटी ने पर्यावरण एवं वन सचिव की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति के गठन का आदेश भी दिया है । समिति तीर्थयात्रियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के बारे में तीन सप्ताह के भीतर कार्य योजना तैयार कर एनजीटी को सौंपेगी ।
इस मामले में याचिका दाखिल करने वाली पर्यावरण कार्यकर्ता गौरी मौलेखी ने एनजीटी के आदेश का स्वागत करते हुए उसकी प्रशंसा की है ।
उन्होंने कहा कि अमरनाथ गुफा अत्यंत नाजुक पारिस्थितिकी क्षेत्र में स्थित है । एनजीटी के आदेश से अमरनाथ यात्रा भक्तों के लिए ज्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक हो सकेगी ।
इससे पहले एनजीटी ने नवंबर में तीर्थयात्रियों को पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं न प्रदान करने के लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड को फटकार लगाई थी ।
एनजीटी सुप्रीमकोर्ट के 2012 के आदेश का पालन न करने पर भी नाराजगी जताई तथा श्राइन बोर्ड से पूछा था कि इतने सालों में उसने तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए कौन-कौन से कदम उठाए हैं ।
पीठ ने विशेषज्ञ समिति को इस बात की रिपोर्ट देने को भी कहा है कि गुफा तक जाने के लिए समुचित रास्ता बनाने, साफ-सफाई के इंतजामों तथा साइलेंस जोन घोषित करने जैसे कदम उठाए गए या नहीं ।
इससे पहले एनजीटी ने माता वैष्णो देवी की यात्रा पर आदेश जारी करते हुए कहा था कि दरबार में एक दिन के भीतर केवल 50 हजार यात्री दर्शन कर सकते हैं ।
बीजेपी ने बताया ऐंटी-हिंदु एजेंडा
एनजीटी द्वारा दिए गए इस विवादित फैसले के बाद सियासत भी तेज हो गई है । एनजीटी के इस आदेश को पूर्णता एंटी हिंदु एजेंडा करार दिया। जम्मू कश्मीर में भाजपा के विधायक रविन्द्र रैना ने कहा कि एनजीटी के फैसले जिस तरह से हिंदुओं के खिलाफ आते हैं, उसका हम विरोध करते हैं । यह लाखों शिव भक्तों की आस्था के साथ सीधे सीधे छेड़ छाड़ का मामला बनता है और हम इसका कड़ा विरोध करते हैं ।
सोशल मीडिया पर भी एनजीटी के फैसले के खिलाफ लोगों ने टिप्पणी कर अपनी भड़ास निकाली ।
किसी ने एनजीटी को हिंदु विरोधी तो किसी ने सरकार से एनजीटी के इस फैसले में दखल देने की मांग की है । लोगों ने अलग अलग प्रकार से एनजीटी के इस फैसले का मजाक भी उड़ाया ।
वैष्णो देवी यात्रा पर भी दिया था निर्देश
इससे पहले एनजीटी ने माता वैष्णो देवी की यात्रा पर आदेश जारी करते हुए कहा था कि दरबार में एक दिन के भीतर केवल 50 हजार यात्री दर्शन कर सकते हैं । एनजीटी के अनुसार वैष्णो देवी के भवन की क्षमता 50,000 से अधिक श्रद्धालुओं की नहीं है, इससे अधिक लोगों को वहां जाने की अनुमति देना खतरे से खाली नहीं होगा ।
हालांकि एनजीटी के इस आदेश के खिलाफ वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था । जिसके बाद उच्चतम न्यालय ने एनजीटी के इस आदेश पर रोक लगा दी थी ।
मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी ।
Note:
1. The views expressed here are those of the author and do not necessarily represent or reflect the views of PGurus.
- J&K government’s takeover of 215 FAT-affiliated schools sparks political firestorm - August 23, 2025
- Indian Army foils Pakistani BAT infiltration attempt in Uri; one soldier martyred in fierce firefight - August 13, 2025
- Three terrorists eliminated in fierce gunfight in central Kashmir’s Lidwas area - July 28, 2025