खट्टर द्वारा ली गई तीव्र कारवाही के कारण दंगे को काबू में किया गया हाँलाकि इसमें कुछ लोगों की मौत भी हो गई
डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के फैसले के आने के कुछ वक्त बाद दंगे का माहौल हो गया और साथ ही साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ मीडिया द्वारा एक अभियान भी शुरू हो गया | पंजाब में भी कुछ इसी प्रकार का उत्पात शुरू हुआ था पर किसी ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से इस्तीफा नहीं माँगा | हरयाणा के मुख्यमंत्री द्वारा जेल के आसपास किसी भी संदिग्ध को देखते ही गोली मारने के आदेश के कारण ३० लोगों की मौत हो गई, पर कम से कम स्थिति को नियंत्रण में किया गया |
अगले दिन, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने खट्टर को उनके पद से हटने कि मांग को ख़ारिज कर दिया | शुक्रवार की शाम को, जब राम रहीम के फैसले के बाद उत्पात शुरू हुआ, तब दिल्ली के कई मीडिया हाउसेस हरयाणा के मुख्यमंत्री खट्टर के इस्तीफे के लिए कांग्रेस की ही बोली बोल रहे थे | पर यह पहली बार नहीं है कि मीडिया ने खट्टर के इस्तीफा के लिए अभियान शुरू किया है | उन्होंने ऐसी बहुत सारी कहानियाँ लिखीं हैं जिससे यह प्रदर्शित हो कि हरियाणा के मुख्यमंत्री असक्षम हैं |
मामला साफ है कि खट्टर भाजपा के पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने सोनिया गाँधी के दामाद रोबर्ट वाड्रा के खिलाफ जमीन हथियाने का आरोप लगाया था | यही नहीं वो खट्टर ही थे जिन्होंने नेशनल हेराल्ड केस की शुरुआत की थी और इस मामले में व्यापक जांच की मांग करते हुए तुरंत ही सीबीआई जांच का आदेश भी दिया था | हरियाणा के हर उत्पात में, चाहे वो जाट आरक्षण आंदोलन या रामपाल की गिरफ्तारी या डेरा हिंसा, सभी में कांग्रेस के षड्यंत्र शामिल हैं |
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को दोषी ठहराने के बाद जैसे ही उत्पात शुरू हुआ, हरयाणा की सरकार ने उसी समय कारवाही की | अगले दिन सुबह को ही मामला काबू में आ गया था | परन्तु सवाल यह है कि हरयाणा की सरकार ने दो लाख से भी अधिक डेरा के अनुयायियों को एकत्र होने ही क्यूँ दिया | यह समझ पाना मुश्किल है | डेरा के अधिकांश अनुयायी पंजाब से आए थे | सब यही जानना चाहते हैं कि हरयाणा सरकार ने ऐसा क्यों होने दिया, पर किसी ने पंजाब सरकार से यह नहीं पूछा कि उन्होंने डेरा के अनुयायियों को आने से रोका क्यूँ नहीं |
निर्णय आने के बाद पंजाब में भी उत्पात हुआ था पर वहां आगजनी की घटना के बाद भी, किसी ने संदिग्ध को देखते ही गोली मारने के आदेश नहीं दिया | भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की सराहना करनी चाहिए की उन्होंने मीडिया द्वारा रचे गए प्रोपेगंडा (कांग्रेस की मदत से) को जड़ से हटाया | सोनिया गाँधी और उनका परिवार हरयाणा के मुख्यमंत्री को नुक्सान पहुँचाना चाहते थी और उन्हें उनके पद से हटाना चाहते थे क्यूंकि खट्टर ने रोबर्ट वाड्रा और नेशनल हेराल्ड केस में उनके खिलाफ कारवाही शुरू की थी | मीडिया भी वही कर रही है जो कांग्रेस चाहती है | यह सराहनीय है कि भाजपा को उनकी गन्दी चालों का आभास हो गया |
- Elon Musk postpones India visit. Non-clarity in Tesla partner and Starlink license might be the reasons - April 20, 2024
- NIA confiscates Pak-harboured Khalistani terrorist Lakhbir Singh Rode’s key aide’s land in Moga - April 19, 2024
- Prime Minister Narendra Modi: A Gujju businessman who does not invest his precious time for a losing battle - April 13, 2024