केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने कार्ति से आठ घंटे से अधिक समय की पूछताछ तक तीव्रता से पूछताछ की | २८ अगस्त को उन्हें दुबारा आने को कहा गया है |
आयकर विभाग से नोटिस मिलने के बाद, INX मीडिया के मालिक कार्ति से मिले और उन्होंने फिर आयकर विभाग से बचने के लिए अपने पिता पी चिदंबरम की मदत से संदिग्ध वास्तविक निकासी पर मंजूरी प्राप्त की |
कार्ति से उनकी कंपनी द्वारा लिए गए रिश्वत के मामले में काफी पूछताछ की गई |
पी चिदंबरम को भी बुलाने की संभावना है
बुधवार को आठ घंटे से अधिक समय की पूछताछ के बाद, केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने पूर्व वित्त मंत्री, पी चिदंबरम के पुत्र, कार्ति चिदंबरम को २८ अगस्त को दुबारा आने को कहा है | सूत्रों के अनुसार, २००७ में धन प्राप्त करने के लिए INX मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड एफ.आई.पी.बी (FIPB) द्वारा दी गई मंजूरी के सिलसिले में जांच एजेंसी ने कार्त को घेर लिया था – यह बात तब की है जब उनके पिता पी चिदंबरम केंद्रीय वित मंत्री थे | सूत्रों के अनुसार, जांचकर्ताओं ने इस मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कुछ १०० प्रश्न तैयार किए थे जो ४५ वर्षीय कार्ति से पूछे गए |
कार्ति और उनके कंपनी के निदेशकों से पूछताछ करने के बाद, केंद्रीय जाँच ब्यूरो अब चिदंबरम और कुछ संदिग्ध एफ.आई.पी.बी मंजूरी में शामिल वरिष्ठ अधिकारी से भी पूछताछ कर सकती है ।
कार्ति, जो सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर सुबह १०.२० बजे एजेंसी मुख्यालय पहुचे थे | आठ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद उन्हें वापिस लौटने की अनुमति ७ बजे मिली | वह चेन्नई के एक वकील के साथ आए थे | आगे के कुछ दिनों में, कार्ति को INX मीडिया के मालिक पीटर मुखर्जी और इंद्राणी, जो इस वक्त हत्या के मामले में मुंबई जेल में दर्ज हैं, का भी सामना करना पड़ सकता है |
केंद्रीय जाँच ब्यूरो के अधिकारियों के अनुसार, कार्ति ने पूछताछ में उनका सहयोग नहीं किया | उन्होंने अपनी दोनों कंपनियों – शतरंज मैनेजमेंट सर्विसेज और एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग – में आए गए निधि प्रवाह के सवालों का स्पष्ट जवाब नहीं दिया | उनके कंपनी के अन्य निर्देशकों से भी पूछताछ की जा सकती है | कार्ति से जुड़ी कंपनियों में सीबीएन रेड्डी, रवि विश्वनाथन, मोहनन राजेश और भास्करमन जैसे अन्य निदेशकों के नाम शामिल हैं | संभावना यह भी है की आने वाले कुछ दिनों में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी भी जांच में शामिल हो सकते हैं |
केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने कार्ति को पूछताछ के लिए पेश होने के लिए जून में नोटिस जरी किया था लेकिन उन्होंने और समय मांगा था | बाद में, उन्हें देश छोड़ने से रोकने के लिए उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया | इसके बाद, कार्ति ने मद्रास उच्च न्यायालय से संपर्क कर के लुकआउट नोटिस पर रोक लगा दी | बाद में उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी | उच्चतम न्यायालय के सामने सुनवाई के दौरान, कार्ति ने अदालत से कहा था कि वे केंद्रीय जाँच ब्यूरो के समक्ष उपस्थित होने को तैयार हैं | इस पर अदालत ने उन्हें २३ अगस्त को पेश होने को निर्देश किया |
केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने अपने एफ.आई.आर में, कार्ति पर यह आरोप लगाया था कि उन्होंने २००७ में अपने पिता चिदंबरम द्वारा दी जाने वाली अवैध एफ.आई.पी.बी अनुमोदन से रिश्वत के रूप में ५ करोड़ रुपये प्राप्त किये थे | INX मीडिया को पहले ही विदेशी निवेश को स्वीकार करने के लिए ५ करोड़ रुपये की मंजूरी मिल गई थी | आयकर विभाग को बाद में यह पता चला कि INX मीडिया ने अवैध रूप से ३०५ करोड़ रुपये प्राप्त किए और उन्होंने एक नोटिस जरी कर दी | आयकर विभाग से नोटिस मिलने के बाद, INX मीडिया के मालिक कार्ति से मिले और उन्होंने फिर आयकर विभाग से बचने के लिए अपने पिता पी चिदंबरम की मदत से संदिग्ध वास्तविक निकासी पर मंजूरी प्राप्त की |
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