हिन्दू अगम शास्त्र के अनुसार, गोविंदा राजा स्वामी मंदिर से 15 किलोमीटर के दायरे के भीतर कोई अन्य निर्माण नहीं होना चाहिए
मदरसा निस्वाम ईशा अतुल इस्लाम जो कि एक उर्दू और अरबी विकास सोसाइटी है और हीरा इस्लामिक विश्वविद्यालय के रूप में भी जानी जाती है, ने तिरुपति में गोविंदराज स्वामी मंदिर से 12 किलोमीटर दूर मन्दिर की जमीन पर अवैध निर्माण किया है। टुमा ओमकार और राधा मनोहर दास ने मदरसा । विश्वविद्यालय द्वारा जमीन अतिक्रमण के बारे में थोंडावड़ा गांव के एमआरओ और वीआरओ के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। एमआरओ, वीआरओ ने तुरंत कार्यवाही की और अतिक्रमण को विवादित स्थल से हटा दिया।
हीरा इस्लामिक यूनिवर्सिटी को 1 + 1 के फर्श के निर्माण की अनुमति अधिकारियों द्वारा दी गई थी, लेकिन यूनिवर्सिटी ने अवैध रूप से 7 (1 + 6) फर्श का निर्माण किया। कथित तौर पर जिस भूमि पर इस विश्वविद्यालय का निर्माण हुआ था, वह जमीन थिम्मप्पा मंदिर के अंतर्गत आती है, जिसका निर्माण अनमयेय के पौत्र ने कराया था। आरोप हैं कि हीरा इस्लामिक यूनिवर्सिटी ने स्वर्णूमुखी नदी की जमीन पर भी कब्ज़ा कर लिया था। तिरुमला में थिम्मप्पा मंदिर की भूमि के बारे में कई सासन (शास्त्र) उपलब्ध हैं, जिन्हें स्वर्गीय साधु सुब्रह्मण्य शास्त्री ने टीटीडी के एक कर्मचारी के रूप में अनुवादित किया था। इस विश्वविद्यालय (बाद में नाम बदलकर मदरसा किया गया) को अखण्ड आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजाशेखर रेड्डी ने अनुमति दी थी और वर्तमान दिन तक वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के स्थानीय नेताओं द्वारा समर्थित किया जा रहा है।
वर्ष 2014 में, 84 लाख का हवाला का पैसा टास्क फोर्स द्वारा जब्त किया गया जो कि हीरा ग्रुप का था।
हिंदुओं के एक प्रसिद्ध मंदिर और आस्था के केंद्र तिरुपति के पास इस विश्वविद्यालय का निर्माण करने को लेकर पूरे भारत में एक विशाल रोष के बाद, कई हिंदू संगठनों ने बड़े पैमाने पर विरोध किया। 2013 में हिंदू समुदाय के दबाव के कारण, चित्तूर के जिला कलेक्टर ने आंशिक रूप से निर्मित 5 मंजिलों के निर्माण में हुए उल्लंघन का हवाला देते हुए एक विध्वंसक आदेश जारी किया, लेकिन आदेश निष्पादित नहीं किया गया था। तिरुमला तिरुपति संरक्षण समिति की मदद से कुछ स्थानीय लोगों ने हीरा विश्वविद्यालय के निर्माण को चुनौती देने के लिए आंध्रप्रदेश हाइकोर्ट में मामला दायर किया। हालांकि अदालत में यह मामला चलता रहा और विश्वविद्यालय ने निर्माण का कार्य करते हुए और 7 मंजिलें पूरी कर लीं। ग्रामीणों ने फिर से इस सबूत के साथ अधिकारियों से संपर्क किया कि यूनिवर्सिटी का निर्माण अवैध रूप से किया गया था, अधिकारियों ने पुष्टि की कि उनके द्वारा प्रस्तुत सबूत अदालत की अवमानना है और ग्रामीणों से अदालत की अवमानना का केस दर्ज करने के लिए कहा। गांव वालों को अवमानना दर्ज करने के लिए बहुत डर लगता है क्योंकि नोव्हीरा उन्हें कई प्रकार के नुकसान पहुंचा सकती थी। अब इस्लामिक यूनिवर्सिटी की मालकिन नोव्हीरा शेख ने तिरुपति में स्वर्ण और हीरा कारोबार शुरू किया और तिरुपति में अपने साम्राज्य को फैलाया। उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए 2017 में एक राजनीतिक पार्टी भी शुरू की।
कुछ साल पहले तक मित्ता वीदी, तिरुपति में एक छोटा सा मदरसा चलाने वाली नोव्हीरा शेख, आज कई हजार करोड़ रुपए के व्यवसाय और संपत्ति की मालकिन है। एआईएमआईएम पार्टी के श्री असदुद्दीन ओवैसी द्वारा नोव्हीरा शेख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वर्ष 2014 में, 84 लाख का हवाला का पैसा टास्क फोर्स द्वारा जब्त किया गया जो कि हीरा ग्रुप का था।
आरोप हैं कि ग्रुप द्वारा बनाया गया हीरा मार्ट मठों में से एक जमीन अधिग्रहित कर बनाया गया है।
किसी भी सामान्य व्यक्ति के लिए सामान्य साधनों के माध्यम से इतना अधिक धन अर्जित करना संभव नहीं है, उपरोक्त जानकारी के साथ यह स्पष्ट है कि हीरा समूह को विदेश से पैसा मिल रहा है। विजयवाड़ा में लगभग 6000 रोहिंग्या रह रहे हैं, ऐसा लगता है कि नोव्हीरा तिरुपति में रोहिंग्याओं को आश्रित कराना चाहती है, जो प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक जीवनयापन के लिए एक आपदा होगा। ऐसा लगता है कि अदालत का मामला वास्तव में नोव्हीरा के पक्ष में काम कर रहा है, क्योंकि अधिकारियों ने अदालत के मामले का हवाला देते हुए कोई कार्रवाही नहीं की है। हीरा ग्रुप अपने अवैध धन के साथ हर दिन मजबूत हो रहा है! यह दावा किया जाता है कि नोव्हीरा ने यह विश्वविद्यालय अनाथ मुस्लिम लड़कियों के लिए बनाया है, मगर कोई भी नहीं जानता कि ये लड़कियां कहाँ से आ रही हैं और स्कूली शिक्षा खत्म करने के बाद इन लड़कियों का क्या होता है। और ऐसा लगता है कि विश्वविद्यालय में आने वाली और विश्वविद्यालय छोड़ने वाली लड़कियों का कोई भी सरकारी रिकॉर्ड नहीं है। आरोप हैं कि ग्रुप द्वारा बनाया गया हीरा मार्ट मठों में से एक जमीन अधिग्रहित कर बनाया गया है। और इस घोटाले में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के कुछ नेता शामिल हैं।
हिन्दू अगम शास्त्र के अनुसार, गोविंदा राजा स्वामी मंदिर से 15 किलोमीटर के दायरे के भीतर कोई अन्य निर्माण नहीं होना चाहिए, इसलिए अधिकारियों द्वारा इस संबंध में कोई अनुमति नहीं दी गई। लेकिन हीरा समूह हिंदू का अनादर करने में कामयाब रहा।
कृपया नीचे दिए गए दस्तावेजों की प्रतिलिपि देखे :
- Subramanian Swamy approaches Supreme Court on Govt’s modification of 2G Scam Judgment to avoid auction of Satellite Spectrum - April 23, 2024
- Defence Minister Rajnath Singh visits Siachen. Reviews military preparedness - April 22, 2024
- Amit Shah’s shares in the Stock Market almost doubled in the past five years - April 21, 2024
WHEN HE HIMSELF IS HAND IN GLOVE WITH CONGRESS,WHAT WILL HE.
HIS MAIN AIM IS THAT PM MR.MODI SHOULD LOOSE AND CONGRESS WILL
REWARD HIM SUITABLY.
PM SHOULD ALL IAS OFFICIALS, WHO ARE LOYAL TO P.CHIDAMBARAM, WHICH
ARUN JAITELY KNOWS,HAS AASKED AGENCIES TO GO SLOW ON ALL SCAMS,
PENDING APPEALS,TO ALLOW CONGRESS TO GO SCOT FREE.
PM MR.MODI IS TRUSTING A UNRELIABLE PERSON, ARUN JAITELY