गिलानी और उनके परिवार के सदस्यों पर आय के अधिक सम्पति और टेरर फंडिंग मामले में धीरे धीरे शिकंजा कसता नज़र आ रहा है
अग्रिम पंक्ति के सबसे कदावर अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी और उनके परिवार के सदस्यों पर आय के अधिक सम्पति और टेरर फंडिंग मामले में धीरे धीरे शिकंजा कसता नज़र आ रहा है !
…आज तक किसी भी सरकारी जांच एजेंसी नें अभी तक कोई भी दस्तेवाज पेश नहीं किया है जिस में यह बात साबित होती नज़र आती है की सईद अली शाह गिलानी एक ज़िम्मेदार नागरिक की हैसियत से वेतन कर विभाग में हर साल अपनी सम्पति का ब्यौरा जमा करते थे और पाई पाई का हिसाब देते थे…
हालाँकि गिलानी मार्च १९९३ से आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस से जुड़े हुए हैं लेकिन आज तक उन्होंने ने किसी भी प्रकार के वितीय संकट को नहीं झेला है और न ही किसी केंद्रीय जांच एजेंसी ने उनके खिलाफ ठोस कारवाही कर उनके द्वारा भारत के खिलाफ चलाये जा रहे दुष्प्रचार पे लगाम कसी है !
इस बीच उन्होंने एक लम्बे समय तक भारत के खिलाफ बगावती तेवर दिखाते हुए कश्मीर घटी में लम्बे समय से चली आ रही आज़ादी की जंग की रहनुमाई भी की और साथ साथ कश्मीर घाटी में अकूत सम्पति जमा की !
लेकिन हैरानी की बात यह है जब इतने लम्बे समय तक सईद अली शाह गिलानी अपने ही घर में नज़र बंद रहे और कड़े पहरे में ज़िन्दगी के दिन गुज़ारा करते थे ऐसे में उन्होंने अपने और परिवार के लिए कैसे और किस की मदद से सम्पति जमा की और सपनो का महल खड़ा किया !
अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है की कश्मीर घाटी में और Delhi में गिलानी और उनके परिवार की लगभग १४ सम्पतियन जांच के घेरे में हैं !
हैरानी की बात ये भी है क्यूंकि आज तक किसी भी सरकारी जांच एजेंसी नें अभी तक कोई भी दस्तेवाज पेश नहीं किया है जिस में यह बात साबित होती नज़र आती है की सईद अली शाह गिलानी एक ज़िम्मेदार नागरिक की हैसियत से वेतन कर विभाग में हर साल अपनी सम्पति का ब्यौरा जमा करते थे और पाई पाई का हिसाब देते थे !
अब जब की NIA द्वारा अन्तंक्वाद को बढ़ावा देने में कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के किरदार की जांच शुरू हुई है और धीरे धीरे कश्मीरी अलगाववादी नेता उसके शिकंजे में फसते नज़र आ रहे ऐसे में वो दिन अब दूर नहीं जब अलगाववादी नेता गिलानी तक भी इस आग की चिंगारी पहुंचेगी !
फिलहाल NIA की टीम इस जानकारी को जमा कर रही है जिस से वो यह साबित कर सके की गिलानी और उनके साथिओं ने अपनी आय से अधिक सम्पति कैसे और किस की मदद से जमा की और उनको हवाला रैकेट का पैसा कश्मीर घटी में अलगाववाद को जिंदा रखने के लिए और भारत सरकार को बदनाम करने की साज़िश के तेहत मिलता था !
अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है की कश्मीर घाटी में और Delhi में गिलानी और उनके परिवार की लगभग १४ सम्पतियन जांच के घेरे में हैं !
अगर NIA की जांच में यह बात साबित हो जाती है की गिलानी के पास यह सम्पति उनकी आय से अधिक है तो NIA उसे जब्त कर सकता है !
NIA की टीम इस बात की जांच भी कर रही आखिर इतने लम्बे समय तक delhi में बैठे कौन से नेता गिलानी और उनके चेलों को बचाने का कम कर रहे थे !
संपत्ति की सूची
- दो मंजिला पुश्तैनी माकन: १ करोड़ की कीमत वाला पुश्तैनी माकन सोपोर के दूरू इलाके में दो मंजिला माकन दो कनाल जमीन पे बना है
- दफ्तर और घर: कश्मीर घाटी में १.५ कनाल जमीन पे रेह्मताबाद कॉलोनी में दफ्तर और घर बना है ! इस माकन को मिली ट्रस्ट और पांच सदस्यों के नाम दर्ज किया गया है ! इन के नाम हैं बशीर अहमद , मोहद अशरफ, सहराज, अल्ताफ अहमद शाह, जवाहिर बेगम, डॉ नईद गिलानी !
- दो मंजिला माकन: सईद अली शाह गिलानी का दो मंजिला माकन, बुल्बुल्बाघ, बर्ज़ुल्ला JeI के नाम ट्रान्सफर हुआ है
- यूनिक पब्लिक स्कूल: दूरू में यूनिक पब्लिक स्कूल. इस स्कूल के लिए ज़मीन गाँव वालों ने डोनेट की है और बाकि की गिलानी की सम्पति से ली है ! इस स्कूल को एक ट्रस्ट चलती है !गिलानी ने अपने छोटे बेटे नसीम गिलानी को इस का चेयरमैन नियुक्त किया है
- दो कमरों का फ्लैट: गिलानी के पास New Delhi में दो कमरों का फ्लैट है . इस फ्लैट के लिए गिलानी ने ८ लाख रूपए दिए और यह फ्लैट जी म भट के नाम रजिस्टर है
- गिलानी के पास बाघ -इ- महताब में एक दो मंजिला मकान है और यह उनकी बड़ी बेटी चास्फिदा ने नाम रजिस्टर हैं
- इस के इलावा गिलानी के पास तीन मंजिला बंगला है जो बेमिना में है और उनकी छोटी बेटी जाहिदा के नाम है
- गिलानी कम से कम १००-१५० कनाल ज़मीन का मालिक है ! यह ज़मीन सिंघ्पोरे में पत्तन में हैं
- इस सब के इलावा गिलानी के पास ४ गाड़ियाँ हैं
NIA के अनुसार उनके बड़े बेटे नसीम गिलानी उनकी अकूत सम्पति की देख भाल करते हैं |
नीचे उनकी संपत्ति की पूरी सूची है
- Para Commando martyred in Kishtwar encounter - November 10, 2024
- Two members of the Village Defence Group shot dead by terrorists in Kishtwar - November 7, 2024
- BJP legislators marshalled out of the J&K Assembly - November 7, 2024